Wednesday, September 29, 2010


कैसा मौसम


जाने ये कौन सा मौसम है

न सर्दियों की धुप है

न दिन यहाँ पर कम है

न ठण्ड का कोई भी रूप है


न मिट्टी की खुशबु है

न भीगे यौवन में हलचल

न बादलों में गुफ्तगू है हलचल

न चाय पकौरी का ही कोई पल


धुप भी चिलचिलाती नहीं

न चांदनी का कोई आलम

न झरनों की आरज़ू कहीं

न ये छुट्टियों का मौसम


सरसों भी नहीं दीखते हैं

पतंग अस्मा में अब तक ना नाचा है

नए पत्ते भी कहीं ना उगते हैं

न मुस्कराता कोई भी रास्ता है


जाने ये कौन सा मौसम है

तुम पास होकर भी इतने दूर हो

हर बात शुरू होने से पहले ख़त्म है

काम हो न हो, मसरूफ हो…



No comments:

Post a Comment