Tuesday, May 10, 2011

प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 6 रुपये 42 पैसे का खर्च



बिहार सरकार प्रत्येक बिहार वासी पर प्रत्येक दिन 6 रुपये 42 पैसे खर्च करती है। राज्य सरकार इसी पैसे से शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और खाद्यान्न आदि का प्रबंध करती है। यह आंकड़ा पूरी तरह सरकारी है। वर्ष 2011 की जनगणना के बाद यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि बिहार में प्रति व्यक्ति औसत आय 11 हजार रुपये की सीमा को पार कर चुकी है। इस लिहाज से एक बिहारी की रोजाना आय केवल 30 रुपये है। अर्थार्त प्रत्येक बिहारी नागरिक की अपनी आय केवल 23 रुपये 58 पैसे हैं।

अब यदि सरकारी खर्च की बात करें तो यह महज संयोग नहीं है कि सरकार सबसे अधिक खर्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये करती है। मसलन बिहार सरकार ने मानव संसाधन विकास विभाग के मद में वर्ष 2011-12 के दौरान कुल 24000 करोड़ रुपये के अपने योजना आकार में से 3014 करोड़ रु[पये खर्च करने की योजना बनाई है। वर्तमान जनसंख्या से भाग देने पर जो राशि प्राप्त होती है, उसके अनुसार बिहार सरकार प्रति माह 24 रुपये 20 पैसे शिक्षा के मद में खर्च करती है। इसी प्रकार 4 रुपये 35 पैसे की सहायता राज्य सरकार सूबे के एक नागरिक के स्वास्थ्य का ख्याल रखती है। जबकि पीने हेतु पेयजल और खेतों में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार प्रति मात 24 रुपये 17 पैसे खर्च करती है।

खेती के सहारे बिहार को विकसित बनाने के लिय राज्य सरकार की दृढता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है राज्य सरकार प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से प्रतिमाह 9 रुपये 75 पैसे खर्च करती है। अन्य विभागों की बात करें तो सूबे के अल्पसंख्यकों के लिये सरकार का हृदय अत्यंत ही विशाल है। ऐसा इसलिये कि सूबे के प्रत्येक अल्पसंख्यक नागरिक पर राज्य सरकार प्रतिमाह 4 रुपये 83 पैसे खर्च करती है। बताते चलें कि सूबे में अल्पसंख्यकों की आबादी कुल आबादी का 15 प्रतिशत (पूर्व में यह 16 फ़ीसदी हुआ करता था) राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिये कुल 90 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

सामाजिक दृष्टिकोण से राज्य सरकार सबसे अधिक राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों पर मेहरबान है। इसकी वजह यह है कि इन समुदायों के प्रत्येक व्यक्ति के लिये राज्य सरकार ने प्रत्येक माह 24 रुपये 17 पैसे खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि राज्य की आबादी में 60 फ़ीसदी हिस्सेदारी रखने वाले पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिये सरकार ने प्रति माह केवल 92 ही खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

बहरहाल, यह उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा स्थापना एवं अन्य पूर्व निर्धारित मदों ( जिनका संबंध आम जनता से नहीं होता है) के तहत कुल राशि का 36-37 फ़ीसदी हिस्सा खर्च कर देती है। इस प्रकार प्रति व्यक्ति होने वाले सरकारी खर्च का अनुमान इसी मात्र से लगाया जा सकता है।
एक बिहारी पर माहवार सरकारी खर्च

विभाग का नाम
खर्च

मानव संसाधन विकास विभाग
24.20 रुपये

स्वास्थ्य विभाग
04.35 रुपये

उद्योग विभाग
00.33 रुपये

जल संसाधन विभाग
24.17 रुपये

कृषि विभाग
09.75 रुपये

अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण
24.17 रुपये

पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग
00.92 रुपये

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
04.83 रुपये



श्रोत – बिहार सरकार द्वारा जारी बजट और वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के आधार पर






Nitish Kumar



Mob.- 9534711912

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