Wednesday, May 11, 2011

बाल श्रम, मज़बूरी या मजदूरी

आज 21 वीं शताब्दी में बाल श्रम जैसा शब्द कर्ण अप्रिय लगता है. लेकिन हमारे समाज का ये एक घिनौना सच है. सरकार की विभिन्न योजनाओं के बावजूद इस से निजात पाना एक चुनौती बन गया है.

पेश है नीतीश कुमार की विशेष रिपोर्ट.

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