Thursday, November 26, 2009

DUSHMAN JINDGI




दिल , धड़कन और यादें


बात उस वक़्त की है जब मै अपनी जिन्दगी की दौर में अकेला ही दौर रहा था.उसी समय मेरी मुलाकात ख़ुशी से हुई . वो मेरी एक फ्रेंड की दोस्त थी.एक-दो बार उस से मिलने के बाद मुझे पता चला की वो एक लड़के से प्यार करती थी जो उसे धोखा दे गया. ख़ुशी अपने स्वभाव से बहुत ही फ्रैंक और खुशमिजाज थी पर उस लड़के की बात करते वक़्त वो उसी में खो जाती थी.मै उसे हौसला देता और उसे खुश रखने की कोशिश करता था. एक दुसरे की बात समझने के बाद हमदोनो अच्छे दोस्त बन गए. ख़ुशी एयर होस्टेज बनना चाहती थी और मै पटना के सारे एयर होस्टेज एकेडमी में उसके ऐडमीसन केलिए उसके साथ जाता था. हमदोनो में आपसी अंडरस्टैंडिंग के साथ साथ नजदीकियां भी बढती गयी. और फिर पता ही नहीं चला की कब मै उस से प्यार कर बैठा. फिर मैंने एक दिन अपने दिल की बात उस से बोल दिया.पर वो कुछ जवाब नहीं दी.उसके बाद भी हमदोनो मिलते थे पर मै कभी भी उसे रिप्लाई केलिए फ़ोर्स नहीं करता क्योकि मै चाहता था की वो जिस के साथ भी रहे बहूत खुश रहे.फिर मै तो उसका एक अच्छा दोस्त तो था न. पर शायद हमारी तक़दीर को उसका साथ भी मंजूर नहीं था. हमदोनो के एकदूसरे से मिलने की बातें किसीऔर इंसान को भी खबर लग गयी. फिर वो अजनबी मेरी जिन्दगी में भूचालबन कर आया. वो उसे तंग करता और हमदोनो के बीच बातों को बढ़ा-चढ़ा कर उससे कहता. वो ख़ुशी को ये कहता था की ये सब बातें उसे मुझसे (नीतीश) से मालूम हुई है. वो कहता की मैंने उसे ख़ुशी को तंग करने के लिए भेजा है. फिर क्या था ख़ुशी का विश्वाश शक में बदल गया. कहते है न की हर बीमारी का इलाज है पर शक का कोई इलाज नहीं होता. और फिर ख़ुशी मुझ से बात करना छोड़ दी. मेरे लिए उसके दिल में जो भी थोडा बहूत प्यार था वो नफरत में बदल गया. तब पता चला की मै जिन्दगी के दौर में अकेला दौर रहा था और अकेला ही रह गया. अगर मेरे साथ कुछ रह गयी तो वो "मेरा टूटा दिल", मजबूर धड़कन और ढेरों यादें. पर उसके साथ जो भी हुआ मै सारी बातों से अनजान था. मै उससे आज भी उतना ही प्यार करता हूँ. और चाहता हूँ की भले ही वो मुझसे प्यार ना ही सही पर कभी नफरत ना करे, जहाँ भी रहे जिस के साथ भी रहे बहूत खुश रहे..


In Love of KHUSHI


Nitish

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