Sunday, October 3, 2010


" यार चाहिए, मेरा प्यार चाहिए "


ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,

दिल मे मेरे, बसने वाला

किसी दोस्त का प्यार चाहिए,


ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवारचाहिए,

मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,


कहूँना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,

दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,


उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,

औरहमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,


मैं तो तैयार

हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,

बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,


उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया कीबीच मँझदार मे,

इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,


अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,

मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,


यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,

पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए !!

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